#Subsidy #FinancialAid #IndianGovt #Reliefs #PovertyInIndia #FarmersSuicide
In the name of subsidy the entire nation is being taken for a ride by Indian governments to poor gas account holders. Once the political parties acquire power, they all behave in the same manner. The birds of same feather flock together proverb is proven again and again. Actually, real subsidy is the one that is provided to richest bank defaulters of this nation by getting their massive loans written off in the range of over one lac crores and to scores of rich Indian parliamentarians.
FINANCIAL AID OR POCKET RAID
On the other side, our governments ironically wouldn't care to tender reliefs to our poor farming community that toils day and night to feeds the entire nation. They are denied deserving subsidies because in the eyes of our government they are believed to be rich. And being under tremendous mental pressures of bank debts of few lacs they often find solace by committing suicides. It is sad that none in the power shows any concern for their pitiable conditions.
एक सिलेंडर की कीमत 551 रुपये, इंडियन आयल से बैंक में वापस जमा - 129 रूपये,
यानी, 551 - 129= 422 रूपये।
इसके पहले हमें सिलेंडर मिलता था 418 रूपये में,
मतलब कुल 4 रूपये का नुकसान।
अब पता ये लगाना है की मेरे द्वारा जमा पैसा ही मुझे वापस मिला। तो फिर सब्सिडी का पैसा कहाँ गया, बल्कि पहले से ज्यादा पैसे मुझे देने पड़े।
ये कौन सा गणित है...? पूरा देश सोच रहा है की उसे सब्सिडी का पैसा मिल रहा है, पर जनाब ये तो हमारा पैसा ही हमें मिल रहा है।
मुद्दा नम्बर :-02
देश में पेट्रोल की कीमत कैसे तय होती है, उसका पूरा प्रोसेस इस प्रकार है :-
कच्चे तेल की वर्तमान कीमत = 50 डॉलर प्रति बेरेल।
(जहाँ, $1 = 63/-
और 1 बेरेल = 159 लीटर )
यानी, $50 = Rs.3150/-
1 लीटर कच्चा तेल भारत खरीदता है (3150/159) =19.80 रुपयों में।
1 लीटर पेट्रोल बनाने के लिए लगने वाला कच्चा तेल -
0.96 लीटर @19.80/- = 19.00/-
अब कच्चे तेल में से एक लीटर पेट्रोल बनाने की फिक्स्ड कीमत होती है 6 रूपये (ट्रांसपोर्टेशन मिलाकर)।
यानी, 19.00 रूपये + फिक्स्ड कीमत, 6 रूपये = 25.00 रूपये में एक लिटर पेट्रोल बनता है।
अब उसमे केंद्र सरकार का टेक्स लगता है, 25% यानी 6 रूपये।
यानी 25 + 6 = 31 रूपये।
और उपर से फिर राज्य सरकार के टेक्स जैसे VAT,
जिसे हम एवरेज 15% गिने तो होते है 5 रूपये यानी कुल मिलाकर होते है 36 रूपये।
और आखिर में पेट्रोल पंप डीलरों को पर लीटर 90 पैसे कमिशन दिया जाता है तो होते है कुल 37 रूपये।
लेकिन फिर भी आज हमे 67rs/- प्रति लीटर में पेट्रोल मिल रहा है॥
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये सब चीजें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।
और उन गरीबों की पगार है 80,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो आदमी 30 या 32 रूपये रोज कमाता है वो गरीब नहीं हैं।
पेट खाली है
और
........ योग करवाया जा रहा है,
जेब खाली
और
....... खाता खुलवाया जा रहा है,
रहने का घर नहीं
और
....... शौचालय बनवाया जा रहा है.
गाँव मे बिजली नही
और
... डिजिटल India बन रहा है.
कंपनीया सारी विदेशी
और
........मेक इन India बोला जा रहा है.
जाति कि गंदगी दिमाग मे है
और
..... स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है.
आटा दिनो दिन महंगा हो रहा है,
और
....... डाटा सस्ता कर रहे है.
सचमुच देश बदल रहा है.....!!!
Just go through the funny subsidy analysis of our government.
एक सिलेंडर की कीमत 551 रुपये, इंडियन आयल से बैंक में वापस जमा - 129 रूपये,
यानी, 551 - 129= 422 रूपये।
इसके पहले हमें सिलेंडर मिलता था 418 रूपये में,
मतलब कुल 4 रूपये का नुकसान।
अब पता ये लगाना है की मेरे द्वारा जमा पैसा ही मुझे वापस मिला। तो फिर सब्सिडी का पैसा कहाँ गया, बल्कि पहले से ज्यादा पैसे मुझे देने पड़े।
ये कौन सा गणित है...? पूरा देश सोच रहा है की उसे सब्सिडी का पैसा मिल रहा है, पर जनाब ये तो हमारा पैसा ही हमें मिल रहा है।
मुद्दा नम्बर :-02
देश में पेट्रोल की कीमत कैसे तय होती है, उसका पूरा प्रोसेस इस प्रकार है :-
कच्चे तेल की वर्तमान कीमत = 50 डॉलर प्रति बेरेल।
(जहाँ, $1 = 63/-
और 1 बेरेल = 159 लीटर )
यानी, $50 = Rs.3150/-
1 लीटर कच्चा तेल भारत खरीदता है (3150/159) =19.80 रुपयों में।
1 लीटर पेट्रोल बनाने के लिए लगने वाला कच्चा तेल -
0.96 लीटर @19.80/- = 19.00/-
अब कच्चे तेल में से एक लीटर पेट्रोल बनाने की फिक्स्ड कीमत होती है 6 रूपये (ट्रांसपोर्टेशन मिलाकर)।
यानी, 19.00 रूपये + फिक्स्ड कीमत, 6 रूपये = 25.00 रूपये में एक लिटर पेट्रोल बनता है।
अब उसमे केंद्र सरकार का टेक्स लगता है, 25% यानी 6 रूपये।
यानी 25 + 6 = 31 रूपये।
और उपर से फिर राज्य सरकार के टेक्स जैसे VAT,
जिसे हम एवरेज 15% गिने तो होते है 5 रूपये यानी कुल मिलाकर होते है 36 रूपये।
और आखिर में पेट्रोल पंप डीलरों को पर लीटर 90 पैसे कमिशन दिया जाता है तो होते है कुल 37 रूपये।
लेकिन फिर भी आज हमे 67rs/- प्रति लीटर में पेट्रोल मिल रहा है॥
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये सब चीजें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।
और उन गरीबों की पगार है 80,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो आदमी 30 या 32 रूपये रोज कमाता है वो गरीब नहीं हैं।
पेट खाली है
और
........ योग करवाया जा रहा है,
जेब खाली
और
....... खाता खुलवाया जा रहा है,
रहने का घर नहीं
और
....... शौचालय बनवाया जा रहा है.
गाँव मे बिजली नही
और
... डिजिटल India बन रहा है.
कंपनीया सारी विदेशी
और
........मेक इन India बोला जा रहा है.
जाति कि गंदगी दिमाग मे है
और
..... स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है.
आटा दिनो दिन महंगा हो रहा है,
और
....... डाटा सस्ता कर रहे है.
सचमुच देश बदल रहा है.....!!!
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