Search This Blog

Friday, 30 December 2016

कुछ ऐसे तथ्य जो आम आदमी को गुस्सा दिलाने के लिए काफी हैं...

#NationalWastage #India #IncredibleIndia #

THE FACTS & FIGURES HOW NATIONAL WEALTH GETS WASTED 

आँख फाड देने वाला सच, पढ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेगे ?

भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC  हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक। प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात श91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।

भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं। इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है। अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।


अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।

ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है। अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर। 

अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर। एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है। 7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है। इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है। 


इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं। Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं। जिनपर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है। इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।


अर्थात हर वर्ष *नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं। इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है। यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।


अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ? 
*क्या यही है लोकतंत्र ?

और एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है

भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए 
पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध 
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें 

दूसरा - नेताओं के वेतन पर प्रतिबंध 
इन्हें देश भक्ति करना है निःशुल्क करें

प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?

No comments:

Post a Comment